शेयर मार्केट क्या है? शेयर खरीदने का क्या अर्थ है? – आज के समय में बहुत सारे लोग अपने पैसों को किसी ऐसी जगह पर निवेश करना चाहते हैं जहां से वे अपने भविष्य के लक्ष्य की पूर्ति कर सकें। जब भी कभी निवेश की बात आती है तो शेयर मार्केट का नाम सबसे पहले आता है। क्योंकि शेयर मार्केट निवेश का सबसे बड़ा जरिया माना जाता है। आज के समय में कई ऐसे लोग हैं जिन्हें शेयर मार्केट के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं होती है इसके लिए हुए जगह-जगह पर इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। इसीलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि शेयर मार्केट क्या है? शेयर खरीदने का क्या अर्थ है?
शेयर मार्केट क्या है?
शेयर मार्केट को स्टॉक मार्केट (Stock Market) भी कहा जाता है। शेयर मार्केट Share और Market शब्द से मिलकर बना है, जिसमें Share का अर्थ हिस्सेदारी और Market का अर्थ बाजार है। यानी शेयर मार्केट किसी भी सूचीबद्ध कंपनी की हिस्सेदारी खरीदने एवं बेचने वाला बाजार है। भारत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दो प्रमुख शेयर मार्केट हैं, जिसमें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जिसे 9 जुलाई 2975 को स्थापित किया गया था।
यदि आप शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी का शेयर खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए ब्रोकर की जरूरत पड़ती है क्योंकि ब्रोकर के माध्यम से ही शेयर मार्केट में सभी शेयर खरीदे एवं बेचे जाते हैं। शेयर बाजार में बॉन्ड, म्यूचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी बिजनेस होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फंड हाउस किसी भी म्युचुअल फंड में निवेशकों द्वारा निवेश किए गए रकम को शेयर मार्केट में निवेश करता है।
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शेयर मार्केट में भारत के बहुत सारे लोग अधिक रिटर्न पाने के उद्देश्य से निवेश करते हैं। कितना ही नहीं बहुत सारे विदेशी निवेशक भी BSE में लिस्टेड कंपनियों या NSE में लिस्टेड कंपनियों के शेयर में निवेश करते हैं। यदि किसी कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा तो शेयर मार्केट में आपको अधिक रिटर्न मिल सकता है और यदि किसी कंपनी का प्रदर्शन खराब होता रहा तो आपको नुकसान भी सहना पड़ता है।
शेयर खरीदने का क्या अर्थ है?
मान लीजिए किसी कंपनी की कुल कीमत 100 करोड़ रुपए है और वह 25% यानी 25 करोड रुपए के मूल्य के शेयर बेचने के लिए 10 लाख शेयर जारी करती है। इसका मतलब यह है कि एक शेयर का मूल्य ₹250 है। अब आप चाहें तो ₹250 प्रति शेयर के हिसाब से इसके कई शेयर खरीद सकते हैं। मान लीजिए कि आपने 2.5 करोड़ रुपए खर्च करके एक लाख शेयर खरीद लिए, यानी अब आपका उस कंपनी में 2.5% का मालिकाना हक हो गया है। आप जब भी चाहे किसी भी शेयर को बड़े ही आसानी से बेच सकते हैं।
किसी भी शेयर को खरीदने एवं बेचने के लिए स्टॉक ब्रोकर की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए स्टॉक ब्रोकर आप से कमीशन भी लेते हैं। BSE/NSE में लिस्टेड किसी भी कंपनी के शेयरों का मूल्य वहां पर दर्ज होता है। इन शेयरों की कीमत उनके लाभ कमाने एवं हानि की क्षमता के अनुसार घटना एवं बढ़ता है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) शेयर बाजार पर नियंत्रण करती है। किसी भी कंपनी को अपना Initial Public Offers (IPO) जारी करने के लिए SEBI से अनुमति लेना पड़ता है।
शेयर मार्केट vs म्यूचुअल फंड, किसमें जोखिम कम है?:
शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आपको जोखिम लेना पड़ता है। यदि आप जोखिम लेने से डरते हैं तो फिर शेयर मार्केट में निवेश करना आपके लिए सही विकल्प नहीं है। बहुत सारे लोग कम जोखिम वाली जगह पर निवेश करना पसंद करते हैं इसी के लिए म्युचुअल फंड बनाया गया है। क्योंकि म्यूच्यूअल फंड फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किए जाते हैं और वह मार्केट के सबसे अच्छे फंड को आपके सामने लेकर आते हैं जिसमें आपको फायदा मिलने की उम्मीद रखती है।
हालांकि म्युचुअल फंड भी शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है क्योंकि आपके द्वारा म्युचुअल फंड में निवेश की गई रकम को शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है। इसीलिए म्यूचुअल फंड में भी रिस्क होता है लेकिन वहां पर शेयर मार्केट के मुकाबले कम रिस्क देखने को मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि म्यूचुअल फंड में फंड हाउस आपको कंपनी के पिछले प्रदर्शन एवं सभी रिकॉर्ड को अच्छी तरह से दिखाती है जिसे आप समझ कर एक अच्छे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
इसके अलावा म्युचुअल फंड में कम पैसे भी निवेश किए जा सकते हैं इसीलिए आप इसमें कई फंड एक साथ खरीद सकते हैं। इससे आप को सबसे बड़ा फायदा यह है कि यदि किसी एक फंड का प्रदर्शन देखा रहा और उसमें घाटा लग गया तो दूसरे फंड से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद रहती है। शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले आपको खुद ही उस कंपनी के बारे में और उसके पिछले प्रदर्शन के बारे में जानकारी लेना होता है।
शेयर मार्केट में अधिक जोखिम इसलिए है क्योंकि कम पैसे निवेश नहीं किए जा सकते हैं। इसीलिए यहां पर आपको किसी एक कंपनी के प्रदर्शन के भरोसे बैठना पड़ता है। यदि कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा तो आपको अधिक रिटर्न और खराब रहा तो आपको नुकसान मिलता है। इस तरह से यह कहा जा सकता है कि शेयर मार्केट में अधिक रिस्क होता है जबकि म्यूचुअल फंड में कम रिस्क होता है।